हिंदी दिवस का आयोजन............ गरवारे में वक्तृत्व स्पर्धा और परिचर्चा संपन्न
मुंबई विश्वविद्यालय द्वारा संचालित गरवारे शिक्षण संस्थान के हिंदी पत्रकारिता विभाग द्वारा 'हिंदी दिवस' का आयोजन किया गया। हिंदी पत्रकारिता पाठ्यक्रम के विद्यार्थियों के लिए 'हिंदी' भाषा पर वक्तृत्व स्पर्धा एवं 'हिंदी और रोजगार' विषय पर परिचर्चा आयोजित की गई। इस अवसर पर अपने अध्यक्षीय संबोधन में गरवारे शिक्षण संस्थान के संचालक डॉ. केयूर कुमार नायक ने कहा कि, हिंदी भाषा और हिंदी भाषी लोगों में आज भी संस्कृति की झलक देखने को मिलती है। उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि आज भी हिंदी भाषी अपने वरिष्ठों का पैर छूकर सम्मान करते हैं, उनका आदर करते हैं। महाराष्ट्र हिंदी साहित्य अकादमी के कार्यकारी अध्यक्ष एवं मुख्य अतिथि अभिलाष अवस्थी ने बताया कि आज हिंदी भाषा के दम पर देश के बड़े-बड़े न्यूज़ चैनलों में एंकर लाखों रुपए की आमदनी कर रहे हैं। उनका कहना था कि यदि भाषा पर प्रभुत्व है तो हिंदी रोजगार उपलब्ध कराने में अधिक सक्षम है। वरिष्ठ पत्रकार राकेश आचार्य ने हिंदी को आज भी रोजगार की भाषा मानते हुए विद्यार्थियों को ब्लॉग इत्यादि लिखने की सलाह दी। हिंदी पत्रकारिता पाठ्यक्रम के समन्वयक सैयद सलमान ने अपने वक्तव्य में कई नामों का उदाहरण देते हुए बताया कि गरवारे शिक्षण संस्थान से हिंदी पत्रकारिता कोर्स करने के उपरांत कई विद्यार्थी आज देश के विभिन्न चैनल्स, समाचार पत्र एवं पीआर एजेंसियों के लिए काम कर रहे हैं। वागीश सारस्वत ने विद्यार्थियों को नियमित तौर पर लिखते रहने के लिए प्रेरित किया।
पत्रकारिता पाठ्यक्रम के छात्रों ने वक्तृत्व स्पर्धा के अंतर्गत अपने विचारों को बड़ी बेबाकी और तटस्थता के साथ प्रस्तुत किया। हिंदी के प्रति सभी का समर्पण अतिथियों को बहुत भाया। स्पर्धा के निर्णायक मंडल में शामिल वरिष्ठ स्तंभ लेखक राजेश विक्रांत, वरिष्ठ पत्रकार अभय मिश्रा और धर्मेंद्र पांडेय ने प्रथम पुरस्कार कृष्णा शर्मा को, द्वितीय पुरस्कार मृणाली घाग और तृतीय पुरस्कार संयुक्त रूप से साखी गिरी और राधा रानी को देने की घोषणा की।
कार्यक्रम में पाठ्यक्रम के फैकल्टी दीपा सिंह, एडवोकेट विजय सिंह, वरिष्ठ पत्रकार विजय सिंह कौशिक, जयप्रकाश सिंह, रत्नेश सिंह, पूर्व बीएमसी शिक्षण अधिकारी राजदेव यादव, क्राइम रिपोर्टर संतोष पांडे, लक्ष्मी यादव, सैयद इरफ़ान, अरुण मिश्रा, पूर्व छात्र अंकित साहा, सुनील सावंत, पुरुषोत्तम कनौजिया, मेघा पटैरिया, प्रीति मिश्रा, सुरेंद्र सिंह, अदिति झा और संदीप गुप्ता सहित कई हिंदी प्रेमी उपस्थित थे। कार्यक्रम की शुरुआत में सरस्वती वंदना पूर्व छात्रा प्रो. वंदना सिंह एवं साखी गिरी ने पढ़ी। कार्यक्रम का सूत्र संचालन पूर्व छात्र विनय सिंह ने और आभार प्रदर्शन मोनल भदौरिया ने किया।