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सरकार की असफलता का परिणाम है कोरोना
Monday, April 6, 2020 4:49:43 PM - By प्रिंस तिवारी

कोरोना वायरस की जांच
कोरोना जैसी महामारी से पूरा विश्व पीड़ित है। कोई देश ऐसा नहीं हैं जो इस बीमारी से अछूता हैं। जहां पर एक तरफ पूरी दुनिया में कोरोना पीड़ितों की संख्या लगातार बढ़ रही है। वहीं कोई न्यूज चैनल कहता है इतनी संख्या बढ़ गई है कोई कहता है उतनी संख्या बढ़ गई है, लेकिन इसके पीछे का कारण कोई भी बताने को तैयार नहीं है।

कारण पता करना क्या उन लोगों का कर्तव्य नहीं है? लेकिन वो अपने कर्तव्य से अपना मुंह मोड़ लेते हैं। कैसे हमारे देश में कोरोना पसर रहा है। उन्होंने इस बात का खुलासा क्यों नहीं किया गया कि कोरोना वायरस भारत में फैलने से पहले इसकी रोकथाम के लिए क्या इंतजाम किया गया? कुछ भी अहम कदम नहीं उठाया गया। अगर सरकार ने कोई अहम कदम उठाया होता तो यह क्यों बुरी तरह फ़ैल गया? अर्थात सुरक्षा व्यवस्था में कहीं कोई कमी रह गई होगी। जिस तरह के सवाल उठ रहे हैं वह अहम और रोचक मालूम पड़ता है। अगर हमारे देश के हवाई अड्डों पर अच्छी मेडिकल व्यवस्था का प्रबंध किया गया होता तो शायद इस तरह के दुर्दिन से नहीं गुजरना पड़ता।

अफसरों को अगर ट्रेनिंग देकर मुस्तैद किया गया होता तो ऐसी संकट की घड़ी नहीं आती। अगर हवाई अड्डों पर थर्मल स्क्रीनिंग को व्यवस्थित ढंग से लगाया गया होता तो सभी यात्रियों की अधिक मात्रा में चेकिंग होती। कोरोना पॉजिटिव मरीजों को पकड़ने में यह लापरवाही बरती गई है जिसका खमियाजा पूरा देश भुगत रहा है। आज देश की अर्थव्यवस्था बिल्कुल नीचे गिरती जा रही है। इस बीमारी के कारण कितनों को तो भूख से जान गवानी पड़ रहीं है। हर जगह लोगों को राशन उपलब्ध नहीं हो पा रहा है। यह सब देखकर ऐसा लगता है कि सरकार देश की भोली–भाली जनता को आश्वासन दे रही है। कोरोना की गम्भीरता समझने में हमारी एजेंसियां पूरी तरह नाकाम रहीं हैं। यही कारण है कि आज इसे कंट्रोल करना मुश्किल हो रहा है।