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महाराष्ट्र में जल संकट की समस्या के बाद सख्त हुई सरकार
Wednesday, April 20, 2016 11:21:20 AM - By एजेंसी

प्रतीकात्मक तस्वीर
महराष्ट्र में सूखे की स्थिति से निपटने के लिए सरकार सख्त कदम उठाने से पीछे नहीं हटना चाहती। ज्ञात हो कि सूखा प्रभावित मराठवाड़ा क्षेत्र के बांधों में केवल तीन फीसदी पानी रह जाने के बीच महाराष्ट्र में जल संकट गहरा गया है जिसके चलते सरकार ने भूजल स्तर को और नीचे जाने से बचाने के लिए 200 फुट से अधिक गहरे बोरवेल खोदने पर प्रतिबंध लगा दिया है।

सूखे से सर्वाधिक प्रभावित औरंगाबाद जिले में शराब की भट्टियों समेत औद्योगिक इकाइयों को जलापूर्ति में कटौती किए जाने के बाद यह फैसला आया है।

जलापूर्ति और स्वच्छता मंत्री बबनराव लोनिकर ने बताया कि बोरवेल के संबंध में लिए गए फैसले के किसी भी उल्लंघन पर महाराष्ट्र भूजल विकास और प्रबंधन अधिनियम के तहत कार्रवाई होगी जिसमें उल्लंघनकर्ता को जुर्माने या कैद की सजा का सामना करना पड़ेगा।

उन्होंने कहा कि भीषण सूखे के हालात और जल भंडार के घटने के कारण संबंधित अधिनियम के प्रावधानों को कड़ाई से लागू करना होगा। हमने सभी वरिष्ठ अधिकारियों से बात की है और 200 फुट से अधिक नीचे बोरवेल खुदाई पर रोक लगाने का फैसला किया है।

उन्होंने कहा कि जिस मात्रा में जमीन से पानी निकाला जा रहा है उसे देखते हुए बोरवेल की खुदाई को नियंत्रित करना जरूरी है जिससे अंतत: सूखा संबंधी समस्याओं को टालने में मदद मिलेगी।

मंत्री ने कहा कि कानून को सख्ती से लागू किया जाएगा लेकिन हमें लोगों की भागीदारी की जरूरत है। हर किसी को आगे आने और भूजल को बचाने में मदद करने की जरूरत है।

महाराष्ट्र सिंचाई विभाग के एक अधिकारी के अनुसार राज्य के बांधों में केवल 19 फीसदी पानी बचा है जबकि पिछले साल इस समय यह 32 फीसदी था।